कविता क्या है

क्या हो कविता का मूलभाव और क्या इसकी परिभाषा हो
मन के अन्दर जो हिलकोरें हैं ,   कैसी उसकी भाषा हो 

छंदबद्ध या छंदमुक्त, क्या हो कविता का असल रूप 
कैसा लिबास इसके तन पर हो कैसा इसका रंग रूप
दोनों ही है कविता लेकिन दोनों का है अपना विधान
संगीत छंद का पूरक है तो शब्द दूसरे में प्रधान
कविता के लिए ज़रूरी है कवि के मन में जिज्ञासा हो
मन के अन्दर जो हिलकोरें हैं.....


भाषा,यति,लय सब दोयम है, अव्वल वो मन से बंध जाए 
यह ध्यान रहे पर , रूप बदल कविता न कहानी बन जाए 
शब्दों का भीड़ न रहे मात्र, उसमे कुछ तथ्य विचार रहे 
यूँ रहे विचार अनन्त भले, शब्दों का पारावार रहे
और मन के एक कोने में कवि के थोड़ी काव्य पिपासा हो
मन के अन्दर जो हिलकोरें हैं..............

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