होली

आज क्यूूँ मेरी तबीयत भीगने की हो रही है
क्या हुआ है आज क्यूूँ सांसें नशीली हो रही है
प्यार की खुशबू हवा में यूूँ पिघलती जा रही है
देखो नफ़रत उस तरफ़ को हाथ मलती जा रही है
क्यूूँ फिजा में बांसुरी हर ओर देखो बज रही है
पेड पंखों को पसारे मोरनी सी सज रही है
किस तरह देखो, हवा में रंग घुलता जा रहा है
चाँद  भी सूरज के पीछे से टहलता आ रहा है
धरा मसतानी हुई और हुआ दीवाना गगन है
सारी तकलीफें भुला दो, आज तो होली मिलन है

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